शिमला जिला के रामपुर में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले में ऑर्गेनिक व पहाड़ी अनाजों की बड़ी खपत
लोगो को इन उत्पादों को प्रयोग कर
लम्बा और निरोग जीवन जीने की दी जा रही सीख
ग्रामीण बेरोजगारों को पलायनकर शहर की ओर भागने की बजाए पारंपरिक खेती अपनाकर स्वरोजगार अपनाने के लिए किया जा रहा है प्रेरित
रामपुर बुशहर, 6 दिसंबर
रामपुर बुशहर क्र अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में हिमाचली पहाड़ी
ग्रामीण पारंपरिक उत्पादों की मांग बढ़ने लगी है। इन उत्पादों की बिक्री
करने वालों का कहना है कि जैविक एवं औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण
लोगों का रुझान अब इस ओर अधिक हो गया है। लोग पहाड़ी पारम्परिक
विलुप्तप्राय अनाजों का आटा, दाले , सूखे मेवे आदि ज्यादा इस्तेमाल करने
लगे हैं। अब हालत ऐसे हो गए है की मांग के अनुसार उत्पाद कम पड़ रहे हैं।
पहाड़ी उत्पादों को बेचने वालो का कहना हैकि ग्रामीण लोगो ने इस ओर
ध्यान ना देकर रोजगार के लिए शहरो की ओर दौड़ लगाई है। उन्होंने
लोगों से अपील की है कि पारंपरिक खेती को अपनाकर बेरोजगार युवा स्वरोजगार
अपना सकते हैं और इस धंधे में वर्तमान परिवेश में अच्छा मुनाफा भी बन रहा
है। इससे दो तरह के लाभ होंगे एक तो खरीददार को निरोग एवं गुणकारी
खाद्यान्न मिलेंगे और दूसरा बेरोजगारों को भी रोजगार का सुअवसर।
पहाड़ी अनाज दाले एवं सूखे मेवे को बेचने वाले अमरनाथ ने बताया
वे15 वर्षों से लवी मेला में पहाड़ी जैविक अनाजों को बेचने का काम कर
रहे है। उन्होंने कहा खरीददार अब जानने लगा हैकि इस ऑर्गेनिक प्रोडक्ट
को प्रयोग कर लंबा जीवन जी सकते हैं। उन्होंने ग्रामीण लोगो से अपील की
हैकि अपना खेती-बाड़ी का धंधा ना छोड़े और शहर की ओर रोजगार के लिए ना
दौड़े। लोकल प्रोडक्ट ऑर्गेनिक रहते हैं उनको तैयार करें ताकि अधिक से
अधिक लोगों तक इसका लाभ मिल सके।
मेले में ऑर्गेनिक उत्पाद बेचने वाले सुरेश ने बताया वे लोकल
प्रोडक्ट को बेचने का काम करते हैं। वे गांव- गांव से लोकल अनाज
इकट्ठा कर मेले में बेचने के लिए लाते है। मेले में स्टॉल लगाकर लोगों
को जागरूक भी करते हैं। लोगों को ग्रामीण आर्गेनिक उत्पादों के लाभ के
बारे में बताया जाता है। उन्हें औषधीय गुणों की जानकारी देते है साथ
में ग्रामीणों को भी इन उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा तैयार करने के लिए
प्रेरित कर रहे हैं।
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रामपुर बुशहर :