काशापाट पंचायत में भारी बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई सेब की फसल, बागवानों को हुआ लाखों का नुकसान

सरकार व प्रशासन से लगाई गुहार, क्षेत्र में आकर नुकसान का किया जाए आकलन, लोगों को दिया जाए मुआवजा 

गुठलीदार फलों के साथ गेंहू, मटर, आलू आदि फसलें भी हुई नष्ट 

रामपुर बुशहर,11 अप्रैल योगराज भारद्वाज

हिमाचल प्रदेश के उपरी हिस्से में आए दिन बारिश और ओलावृष्टि  किसानों पर जमकर कहर बरपा रही है। हिमाचल प्रदेश में पिछले  कुछ दिनोें से हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने सेब की फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है।

मई में हुई बारिश, ओलावृष्टि से लोगों की गेहूं , जौ ,आलु मटर और सरसों की फसल बर्बाद हो गई है। इसके साथ अब खराब मौसम से सेब के बर्बाद होने की खबरें सामने आ रही हैं। सेब  पहाड़ी राज्यों की प्रमुख फसल मानी जाती है।  ऐसे में इस फसल के नुकसान होने से किसानों की चिंता बढ़ गई हैं। किसान परेशान है कि उसके नुकसान की भरपाई किस तरह की जाए। 

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यहां हुआ ओलावृष्टि से नुकसान

शिमला जिले के रामपुर बुशहर का दुर्गम क्षेत्र काशापाट पंचायत में बीती रात भारी ओलावृष्टि हुई है। जिससे इलाकों में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कई जगह पर काफी संख्या में कच्चे सेब ही पेड़ से गिर गए हैं। उनकी टहनियां तक टूट गई।

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80% तक नुकसान की संभावना

तेज बारिश, अंधड़ और ओलावृष्टि का असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। ग्राम पंचायत प्रधान काशापाट पंचायत पुष्पा सनाटू ने बताया कि बीती रात उनके क्षेत्र में लगभग 7 बजे से लेकर 9 बजे तक भारी ओलावृष्टि हुई है। ऐसे में जहां सेब व गुठलीदार फलों की फसल को भारी नुक़सान हुआ है। वहीं लोगों की मटर,आलु, गेंहू इत्यादि फसलों को भी भारी नुक़सान हुआ है। ऐसे में लोगों की 50 से 80 प्रतिशत तक की  फसल को नुकसान होने की संभावना है।

काशापाट पंचायत के लोग सीधे तौर पर खेती से जुड़े हैं। ऐसे में इन लोगों को भारी नुक़सान हुआ है। प्रधान ने बताया कि यहां पर खेती बाड़ी व सेब लोगों की मुख्य फसल है। क्षेत्र के लोग पुरी साल भर मेहनत करतें हैं। लेकिन बीती रात जो कुदरत ने कहर बरपाया है उससे क्षेत्र के लोग सहम गए हैं। जब सुबह होते ही लोग ने अपने अपने खेतों का रूख किया तो सेब की फसल को देखकर दंग रह गए। सेब के पेड़ों पर जो छोटे छोटे सेब लगे थे वह पत्तों समेत ज़मीन पर गिर पड़े थे। जिसे देखकर ग्रामीण का दिल दहल गया। कई लोगों की आंखों से आंसु आ गए। ओलावृष्टि से नुकसान इतना अधिक हुआ है की आने वाले दो तीन सालों में भी सेब की फसल नहीं आने के आसार हो सकते हैं। यहां तक की टहनियों को भी भारी नुक़सान हुआ है। 

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ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर ग्राम पंचायत प्रधान पुष्पा सनाटू व क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व कृषि विभाग व उद्यान विभाग से आग्रह किया है कि उनकी टीमें क्षेत्र में भेजी जाए और जो नुकसान क्षेत्र में हुआ है उसका आकलन किया जाए और ग्रामीणों के नुक़सान की भरपाई की जाए। अन्यथा ग्रामीणों को साल भर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो जाएगा। 

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