जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी मैं आज यहां बताया कि असामाजिक तत्व रेहड़ी फड़ी वाले एवं शॉल विक्रेताओं के रूप में कानून एवं व्यवस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं और अपने पूर्व वृत्त की पहचान नहीं कराते जिससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है.
उन्होंने बताया कि कोई भी व्यवसाई एवं ठेकेदार जो प्रवासी मजदूरों को कार्य पर रखता है उनकी फोटो सहित पहचान स्थानीय थाना प्रभारी से करवाना अनिवार्य है और यह आदेश उन प्रवासियों पर भी लागू होते हैं जो स्वरोजगार के तहत आजीविका कमा रहे हैं.
उपायुक्त ने बताया कि इन आदेशों की अवहेलना करने वालों के के खिलाफ धारा 188 आईपीसी के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी और यह आदेश तत्काल प्रभाव से अगले दो महीनों तक लागू रहेंगे.
उन्होंने जिला के समस्तSDMs से इन आदेशों की व्यापक प्रचार प्रसार करने का आह्वान किया.
