बंदरों के आतंक से गई जान – ब्रो में सेवानिवृत्त शिक्षक की छत से गिरकर मौत

रामपुर बुशहर,20 अगस्त मीनाक्षी

विकास खंड निरमंड के अंतर्गत ब्रो गांव में बुधवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। ब्रो निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक देश लाल गौतम (65 वर्ष) रोजाना की तरह सुबह लगभग 6:15 बजे अपनी घर की छत पर पक्षियों को दाना डालने गए थे। जैसे ही उन्होंने दाना डाला, अचानक बंदरों का एक बड़ा झुंड वहां आ धमका। बंदरों की अचानक मौजूदगी से घबराए देश लाल ने खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन अफरातफरी में उनका संतुलन बिगड़ गया और वे करीब चार मंज़िल ऊँचाई से नीचे गिर पड़े।

गंभीर चोट लगने के कारण उनकी मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों और ग्रामीणों ने तुरंत उन्हें खनेरी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकीय औपचारिकताओं के बाद पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया।

इस घटना के बाद पूरे ब्रो जगातखाना क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों का आतंक पिछले कई वर्षों से लगातार बढ़ता जा रहा है। गांव और आसपास के इलाकों में बंदरों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि लोग घरों की छतों और आंगनों में भी सुरक्षित नहीं हैं। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं पर कई बार हमले हो चुके हैं। लोग रोज़मर्रा की गतिविधियों को लेकर भी खौफ में जी रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार वन विभाग और प्रशासन को इस समस्या से अवगत करवाया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। हालाँकि पहले भी बंदरों के कारण चोट लगने और हादसों की घटनाएँ सामने आई हैं, मगर किसी की जान जाने का यह पहला मामला है, जिसने लोगों के गुस्से और चिंता को और बढ़ा दिया है।

ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि बंदरों को आबादी वाले क्षेत्रों से हटाने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्थिति पर समय रहते नियंत्रण नहीं पाया गया, तो बंदरों का यह आतंक भविष्य में और भी भयावह रूप ले सकता है तथा निर्दोष लोगों की जानें जा सकती हैं।

इस दर्दनाक हादसे ने प्रशासन और वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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