रामपुर बुशहर, 26 मई मीनाक्षी
हिमाचल प्रदेश में इस साल से पहली बार वजन के आधार पर सेब की ढुलाई की जाएगी। बागवानों को ट्रांसपोर्टरों के शोषण से बचाने के लिए सरकार इस सेब सीजन से यह व्यवस्था कर रही है। जहां एक और बागवानों से सेब वजन के हिसाब से लिया जाएगा वहीं मंडियों तक भी वजन के हिसाब से ही पहुंचाने का कार्य किया जाएगा!
बागवानी मंत्री जगत नेगी ने रामपुर में पत्रकारों से कहा कि इस संबंध में इसको लेकर ट्रांसपोर्टरों के साथ बैठक कर दी गई है! इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिसला व उपमंडल पर अधिकारी व्यवस्था लागू करेंगे!
अब तक ट्रांसपोर्टरों द्वारा बागवानों से मंडियों तक सेब पहुंचाने के लिए पेटी के आधार पर किराया वसूला जाता था। सेब की ढुलाई का भाड़ा अधिक होने के कारण कई बार बागवान पेटियों में अतिरिक्त तहें पैक कर देते थे, ऐसा करने से भाड़ा तो बच जाता था, लेकिन हर पेटी में 4 से 6 किलो अतिरिक्त सेब चला जाता था और सेब की गुणवत्ता भी प्रभावित होती थी।
किलो के हिसाब से सेब खरीद के बाद सरकार ने सेब ढुलाई का भाड़ा भी वजन के हिसाब से तय करने का फैसला लिया है। इस सीजन से यह व्यवस्था लागू करने के मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रयास तेज कर दिए है!
वही ं बता दें की आधे से कम हो सकता है दिल्ली का सेब किराया शिमला से दिल्ली का सेब की 28 किलो की पेटी का किराया 120 से 130 रुपये वसूला जाता है, जबकि वजन के हिसाब से ट्रांसपोटेशन का रेट 2 से ढाई रुपये किलो है। वजन के हिसाब से जब सेब का किराया तय होगा तो शिमला से दिल्ली सेब की 24 किलो की पेटी का किराया 48 से 60 रुपये ही चुकाना होगा।
इस दौरान उन्होंने बताया कि निर्धारित समय पर बागवानों को सेब की पेमेंट मिले इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं और आढ़तियों के साथ बैठक कर योजना तैयार की जा रही है!
उन्होंने बताया कि मौसम व आपदा से प्रभावित फसलों का मुआवजा किसानों व बागवानों को काफी कम मिलता है! इसके लिए इंश्योरेंस में बदलावों करने की आवश्यकता व किसानों व बागवानों को इसमें अधिक इंश्योरेंस के दायरे में लाने की आवश्यकता है!
वही ं उन्होंने बताया कि विश्व बैंक की जो बागवानी विकास परियोजना चल रही है उसे फिर से जुन महा में एमओयु किया जाएगा! और इस आगे बढाने व बागवानों व किसानों की आर्थिकी को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किया जाएगा!
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रामपुर बुशहर : रामपुर में पहुंचे जगत नेगी!