रामपुर बुशहर,26 अक्टूबर मीनाक्षी
भारत की सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक की सुरक्षा को और सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अब भाखड़ा बांध परियोजना की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी औपचारिक रूप से संभाल ली है।
22 अक्टूबर को पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित भाखड़ा बांध परियोजना (BDP), नंगल में सीआईएसएफ यूनिट बीडीपी नंगल के आधिकारिक अधिष्ठापन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीआईएसएफ के महानिरीक्षक (उत्तरी खंड) नवज्योति गोगोई, उप महानिरीक्षक (उत्तरी क्षेत्र-II) एम.के. यादव, बीबीएमबी के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी और यूनिट कमांडर प्रतीक रघुवंशी सहित अन्य गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे। यह समारोह राज्य पुलिस से सीआईएसएफ को बांध की सुरक्षा की औपचारिक सुपुर्दगी का प्रतीक बना।
भाखड़ा बांध, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सतलुज नदी पर स्थित एक कंक्रीट गुरुत्वाकर्षण बांध है, जो गोबिंद सागर जलाशय का निर्माण करता है। यह 226 मीटर ऊंचा और 518 मीटर लंबा है, जिससे यह एशिया के सबसे ऊंचे बांधों में से एक बनता है। गोबिंद सागर जलाशय लगभग 168 वर्ग किलोमीटर में फैला है और 9.34 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी संग्रहित कर सकता है, जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा जलाशय है।
अब तक बांध की सुरक्षा संबंधित राज्यों के पुलिस बलों द्वारा की जा रही थी, जिसकी देखरेख भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) करता था। हालांकि, आतंकवाद और तोड़फोड़ के संभावित खतरों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने मई 2025 में 296 सशस्त्र सीआईएसएफ जवानों की एक समर्पित इकाई की तैनाती को मंजूरी दी थी।
यह तैनाती बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 के तहत की गई है, जिसके अनुसार देश के प्रमुख बांधों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की उपस्थिति अनिवार्य है। सीआईएसएफ अब बांध की दीवारों, जल द्वारों, बिजलीघरों और प्रवेश द्वारों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा का कार्यभार संभालेगी। वहीं, राज्य पुलिस बल को सीमित सहायक भूमिका में बनाए रखा गया है ताकि बीबीएमबी की समग्र सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत हो सके।
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रामपुर बुशहर : कार्यक्रम में मौजूद पदाधिकारी।

