रामपुर बुशहर में मिनी हाइड्रो पावर प्रोजेक्टों की मनमानी, कई कामगारों को न्यूनतम वेतन देने में भी हो रहे नाकाम साबित

कई कामगारों के रिकॉर्ड पर भी मारी कुंडली, रिकार्ड दिखाना हो रहा टेड़ी खीर साबित

लेबर आफिसर के बार बार कहने पर भी नहीं दिखाया जा रहा रिकार्ड

रामपुर बुशहर, 2 मई

रामपुर बुशहर में चल रहे मिनी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट ओं की मनमानी लगातार जारी है! यहां पर जो हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट चल रहे हैं उसमें कई ऐसे  प्रोजेक्ट है जो कामगारों को न्यूनतम वेतन देने में भी नाकाम साबित हो रहे! ऐसे में बेरोजगारों का शोषण किया जाता है रोजगार देने के नाम से मनमाने तरीके से काम भी करवाया जाता है! 

लेकिन उन्हें काम करने का पूरा वेतन नहीं दे पाते हैं!  

ऐसे ही मामले रामपुर बुशहर के मिनी हाइड्रो पावर प्रोजेक्टों के सामने आ रहे हैं!  

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह समस्या काफी लंबे समय से कामगारों को आ रही है! लेकिन मिनी हाइड्रो प्रोजेक्ट के प्रबंधक इनकी एक भी सुनने को तैयार नहीं है! इनका सालाना जो टारगेट उत्पादन का रहता है उससे भी कई ज्यादा इनकम इनकी होती हैं! लेकिन जिन कामगारों के सहारे यह मिनी हाइड्रो प्रोजेक्ट चलते हैं उन्हें न्यूनतम वेतन देने से भी आनाकानी करते है! कई कामगारों का पंजीकरण तक नहीं किया जाता है! कंपनियों की और से मिलने वाली अन्य लाभों से भी इन्हें वंछित रखा जाता है! 

वही ं रामपुर में मिनी प्रोजेक्ट जैसे रत्नपुर हाइड्रो प्रोजेक्ट, शिवा एनर्जी, भवानी पावर प्रोजेक्ट, सेक्रेटरी जीसी प्राईवेट लिमिटेड जोगणी, कैलाश, ज्यूरी स्माल हाइड्रो प्रोजेक्ट, कुट एनर्जी, राजपुरा प्रोजेक्ट आदि शामिल हैं! जो मनमानी करते आ रहे हैं! 

वही ं इस बारे में लेबर आफिस रामपुर पीतंबर शर्मा ने बताया कि उन्हें भी इस तरह की शिकायतें प्राप्त हो रही थी! जिसके बाद उनकी टीम ने रत्नपुर हाइड्रो प्रोजेक्ट का निरिक्षण किया!  यहाँ पर छानबीन करने के उपरांत पाया गया कि कई कामगारों को न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है!गेस्टहाउस में रखे कामगारों का भी कोई रिकार्ड नहीं मिला है! 

 उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रोजेक्ट के प्रबंधन को कामगारों की समस्या के समाधान करने के निर्देश दिए थे! इसके साथ अपना रिकार्ड भी दिखाने को कहा गया था! लेकिन प्रबंधन की और से संतोषजनक जवाब न आने के बाद नोटीस जारी किया गया! उसका जवाब देने में भी नाकाम साबित हो रहे हैं! यदि समय पर अपना रिकार्ड नहीं दिखाते है तो उनका चलान कोर्ट में दायर किया जाएगा! 14 दिनों का समय नोटीस के माध्यम से दिया गया है! 

उन्होंने बताया कि इन अन्य प्रोजेक्टों पर भी कार्य किया जा रहा है! अधिकतर अपना रिकार्ड दिखाने में नाकाम साबित हो रहे हैं! मांग पत्र भी प्राप्त हो रहे हैं जिसमें कामगार अपनी सेलरी को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं! इसको लेकर भी प्रोजेक्टों के साथ जल्द ही वार्ता की जाएगी और कामगारों की समस्याओं को निपटाने का प्रयास किया जाएगा! 

बाक्स

वही ं जानकारी देते हुए रत्नपुर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के जीएम राजेन्द्र ने बताया कि उनके पास जितने भी कर्मचारी हैं उन्हें अलग अलग वेतन नियमानुसार दिया जा रहा है! जो न्यूनतम वेतन से अधिक है! उन्होंने बताया कि वह समय समय पर कर्मचारियों के बेतन को बढाने का प्रयास भी करते हैं! राजेन्द्र ने बताया कि उनके पास जो प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं उन सभी का रिकॉर्ड उनके पास मौजूद है! 

फोटो कैप्शन

हिमाचल प्रदेश के मिनी हाइड्रो प्रोजेक्ट! 

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