लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग से गंभीर सवाल पूछा, कहा बाकी सब ठीक है, पर किसी के पिता का नाम ‘dfojgai df’ और घर का नंबर 0 कैसे हो सकता है

शिमला,12 अगस्त मीनाक्षी

देशभर में इन दिनों “वोट चोरी” का मुद्दा सियासी बहस का केंद्र बना हुआ है। विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर चुनाव प्रक्रिया में धांधली और वोट चोरी के आरोप लगा रहा है। सोशल मीडिया से लेकर टीवी डिबेट तक इस मामले पर गरमा-गरम चर्चा हो रही है। इसी बीच हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग से गंभीर सवाल पूछे हैं।

विक्रमादित्य सिंह ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने वोटर लिस्ट का एक अंश दिखाया है। इस लिस्ट में एक मतदाता के पिता का नाम “dfojgai df” दर्ज है और घर का नंबर “0” लिखा हुआ है। इस अजीबोगरीब प्रविष्टि को लेकर उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर यह कैसे संभव है? उन्होंने लिखा, “बाकी सब ठीक है, पर किसी के पिता का नाम ‘dfojgai df’ और घर का नंबर 0 कैसे हो सकता है? चुनाव आयोग को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।”

मंत्री का कहना है कि अगर मतदाता सूची में इस तरह की गलतियां मौजूद हैं तो यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही का मामला है, बल्कि चुनाव की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करता है। उनका तर्क है कि मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव है, और इसमें किसी भी तरह की त्रुटि गंभीर परिणाम ला सकती है। ऐसे मामलों से विपक्ष के “वोट चोरी” के आरोपों को और बल मिल सकता है।

इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया। कई यूजर्स ने मंत्री की चिंता को सही ठहराते हुए कहा कि चुनाव आयोग को तुरंत जांच करनी चाहिए और गलतियों को ठीक करना चाहिए। वहीं कुछ लोगों ने इसे तकनीकी गड़बड़ी या डेटा एंट्री की गलती करार दिया।

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, मतदाता सूची के हर विवरण की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर विशेष संशोधन अभियान चलाए जाते हैं। लेकिन अगर ऐसी त्रुटियां बार-बार सामने आती हैं तो यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर असर डाल सकती हैं।

विक्रमादित्य सिंह की यह पोस्ट इस समय राज्य में राजनीतिक चर्चा का हिस्सा बन गई है। विपक्ष और सत्तापक्ष, दोनों ही इसे अपने-अपने दृष्टिकोण से देख रहे हैं। जहां विपक्ष इसे चुनावी धांधली का सबूत बता रहा है, वहीं सत्तापक्ष का मानना है कि यह केवल एक त्रुटि है जिसे सुधारा जा सकता है। फिलहाल, अब सबकी नजरें इस मामले पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

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