शिमला जिले के रामपुर की सरपारा पंचायत में नौ नागों की जन्मस्थली प्राकृतिक झील का सौंदर्यीकरण लटका अधर में 

रामपुर बुशहर,7 जुन मीनाक्षी 

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में स्थित सरपारा पंचायत की एक प्राकृतिक झील अपनी रहस्यमयी सुंदरता और धार्मिक महत्व के कारण विशेष स्थान रखती है। यह झील “नौ नागों की जन्मस्थली” के रूप में प्रसिद्ध है और लोक आस्था के अनुसार यहां नौ पौराणिक नागों का जन्म हुआ था। चारों ओर से घने देवदार, बुरांश और औषधीय वनस्पतियों से घिरी यह झील लगभग 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और साल भर बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्वर्ग जैसा दृश्य प्रस्तुत करती है।

यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां की शुद्ध जलवायु, जैवविविधता और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों और ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है। विशेष अवसरों पर आसपास के गांवों के लोग इस झील की पूजा करते हैं और यहां मेले भी आयोजित किए जाते हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस झील में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

दुख की बात यह है कि इतनी पवित्र और सुंदर झील को आज भी प्रशासनिक उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। झील तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क या ट्रैक मार्ग नहीं है, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक दोनों ही मुश्किलों का सामना करते हैं। न तो यहां ठहरने की कोई व्यवस्था है, न ही पीने के पानी या शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं। कई बार स्थानीय पंचायत और सामाजिक संगठनों ने झील को संरक्षित करने और उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग उठाई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्य नहीं हो सका है।

कुछ वर्ष पहले झील को संवारने और सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू किया गया था, जिसमें किनारों की मरम्मत, जल की सफाई और ट्रैकिंग मार्गों का निर्माण शामिल था। लेकिन यह कार्य अधूरा रह गया। अब हालत यह है कि झील धीरे-धीरे झाड़-झंखाड़ और गाद से भरती जा रही है। यदि समय रहते इसे संजोया नहीं गया, तो यह धार्मिक और प्राकृतिक धरोहर नष्ट हो सकती है।

सरकार और पर्यटन विभाग को चाहिए कि इस स्थल की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्ता को समझते हुए इसे एक धार्मिक-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करें। इससे न केवल क्षेत्र की आस्था को संबल मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध होगा। सरपारा की यह झील हिमालय की गोद में छुपा वह रत्न है, जिसे थोड़ी सी देखभाल और संवर्धन से एक राष्ट्रीय स्तर का आकर्षण बनाया जा सकता है।

फोटो कैप्शन 

रामपुर बुशहर : प्राकृतिक झील सरपारा।

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