रामपुर बुशहर,6 जुलाई
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य पर कलेडा में पुष्पाजंलि अर्पित की गई। और उन्हें याद किया। इस मौके पर भाजपा के सभी सदस्यों ने पौधारोपण किया। इस कार्यक्रम मे भाजपा के युवा नेता कौल सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। वही मंडल अध्यक्ष नरेश चौहान, महामंत्री दिनेश खमराल, राममूर्ति सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। भाजपा नेता कौल सिंह ने अपने सम्बोधन मे कहा की आज हम यहाँ एक महान देशभक्त, शिक्षाविद, और भारतीय जनसंघ के संस्थापक, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती के अवसर पर एकत्र हुए हैं। यह दिन हमें उनके जीवन, उनके बलिदान, और उनके अखंड भारत के सपने को याद करने का अवसर देता है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मात्र 33 वर्ष की आयु में, डॉ. मुखर्जी कोलकाता विश्वविद्यालय के सबसे युवा कुलपति बने। लेकिन डॉ. मुखर्जी का सबसे बड़ा योगदान था उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा और भारत की एकता के लिए उनका अटूट समर्पण रहा। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने के लिए अनुच्छेद 370 का पुरजोर विरोध किया। उनका यह नारा, “एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चलेंगे”, आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है। रहस्यमय परिस्थितियों में 23 जून, 1953 को उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया। 2019 में, जब अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया, तब उनके सपने को साकार होते देखा गया। डॉ. मुखर्जी ने हमें सिखाया कि राष्ट्र की एकता और अखंडता से बढ़कर कुछ नहीं है। इस मौके पर प्रधान प्रोमिला मेहता, जीताराम, बलबीर मैहता, रुद्र कायथ, लाजवंती, संतोष, मोहनलाल, आगरा शर्मा सहित अन्य ग्रामवासी मौजूद रहे।