रामपुर बुशहर, 7 दिसंबर मीनाक्षी
क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था को स्वच्छ, आधुनिक और पर्यावरण–अनुकूल बनाने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए नई नीति पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। आरटीओ रामपुर बुशहर नरेश वर्मा ने बताया कि आने वाले महीनों में रामपुर, किन्नौर, आनी और कुमारसैन में इलेक्ट्रिक ऑटो पूरी तरह से सड़कों पर उतर जाएंगे। जिला में तेजी से बढ़ रही परिवहन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विभाग इस बदलाव को एक महत्वपूर्ण “ग्रीन मूव” के रूप में देख रहा है।
परंपरागत ऑटो के नए परमिट नहीं मिलेंगे – बड़ी नीति बदलाव की घोषणा
आरटीओ ने साफ कहा कि अब परंपरागत (डीजल/पेट्रोल) ऑटो रिक्शा के नए परमिट जारी नहीं किए जाएंगे। यह निर्णय प्रदूषण कम करने और परिवहन व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में उठाया गया कदम है।
हालांकि, जो ऑटो पहले से सड़क पर चल रहे हैं, वे अपनी निर्धारित अवधि तक चलते रहेंगे, लेकिन भविष्य में जारी होने वाले सभी परमिट केवल इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा के लिए ही होंगे।
चालकों को नया रजिस्ट्रेशन होगा अनिवार्य
इलेक्ट्रिक ऑटो चलाने के इच्छुक चालकों और वाहन मालिकों को विभाग ने समय रहते तैयार रहने की सलाह दी है। इलेक्ट्रिक ऑटो खरीदने या चलाने वालों को नया पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, आवश्यक दस्तावेज अपडेट रखने होंगे,और वाहन की तकनीकी जांच व रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
विभाग ने बताया कि इसके लिए जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे, ताकि चालक बिना किसी परेशानी के नए सिस्टम में शामिल हो सकें।
पर्यावरण और जनता, दोनों को मिलेगा लाभ
ट्रांसपोर्ट विभाग का मानना है कि इलेक्ट्रिक ऑटो पर्यावरण के लिए बेहद लाभकारी है, शून्य धुआं उत्सर्जन,कम शोर और पारंपरिक ऑटो की तुलना में काफी कम परिचालन लागत वाले होंगे।
इलेक्ट्रिक ऑटो चलने से न केवल शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय लोगों को कम किराए में बेहतर परिवहन सुविधा भी उपलब्ध होगी। विभाग इसे क्षेत्र में रोजगार अवसर बढ़ाने वाली पहल भी मान रहा है।
ढांचे को मजबूत करने की तैयारी तेज
आरटीओ ने बताया कि चारों क्षेत्रों में आवश्यक चार्जिंग ढांचे को विकसित करने की दिशा में भी तेज़ी से काम चल रहा है। विभाग की कोशिश है कि सड़क पर इलेक्ट्रिक ऑटो आने से पहले पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर दिए जाएं, ताकि चालकों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
इस फैसले को स्थानीय लोग और वाहन चालक सकारात्मक बदलाव के रूप में देख रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में यह कदम क्षेत्र की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में बड़ी क्रांति साबित होगा।

