सीआईएसएफ युद्ध-सक्षम, तकनीक-दक्ष और भविष्य के लिए तैयार बल के रूप में तब्दील

रामपुर बुशहर, 2 अक्टूबर (मीनाक्षी)

केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने खुद को युद्ध-सक्षम, तकनीक-दक्ष और भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप ढालने के लिए अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम और मानकों में व्यापक सुधार किए हैं। इन सुधारों को हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी (निसा) में महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी, आईपीएस की अध्यक्षता में आयोजित वार्षिक प्रशिक्षण सम्मेलन-2025 में अंतिम रूप दिया गया।

कठोर युद्ध मानक

सीआईएसएफ ने सभी रैंकों में “ नीति लागू की है, जिसके तहत अब जवानों को एनएसजी जैसे विशिष्ट बलों की तरह कठिन शारीरिक और युद्ध मानकों से गुजरना होगा। इसके तहत 26 बाधाओं वाले बैटल ऑब्स्टेकल असॉल्ट कोर्स और 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन को प्रशिक्षण का हिस्सा बनाया गया है। साथ ही, आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञों द्वारा विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल भी शामिल होंगे।

तकनीकी दक्षता

बल के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में 20 अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत किया गया है, जिनमें ड्रोन-रोधी प्रणाली, साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल कमांड एवं कंट्रोल सेंटर शामिल हैं। पहली बार प्रशिक्षुओं को आरंभ से ही इन तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा।

‘फ्यूचर-रेडी’ बल

सभी सीआईएसएफ कर्मियों को आग, आपदा और चिकित्सा आकस्मिकताओं में प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही सभी पात्र रिक्रूट प्रशिक्षण के दौरान ही हवाईअड्डा स्क्रीनिंग ड्यूटी के लिए अर्हता प्राप्त कर लेंगे।

क्षमता निर्माण

गृह मंत्रालय की मंजूरी से सभी भर्ती प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता 50% बढ़ाकर 1,500 कर दी गई है और तीन नए आरटीसी स्थापित किए जा रहे हैं। इससे हर वर्ष लगभग 15,000 रिक्रूटों को प्रशिक्षित किया जा सकेगा।

विशेष उत्कृष्टता केंद्र

प्रथम रिजर्व बटालियन, नूह : खेल उत्कृष्टता केंद्र

नागरिक उड्डयन सुरक्षा अकादमी : समर्पित एएसजी प्रशिक्षण तृतीय रिजर्व बटालियन, भिलाई : अग्निशमन सेवा प्रशिक्षण केंद्र

इसके अलावा, आधुनिकीकरण योजना-ट के तहत ₹450 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

शैक्षणिक साझेदारी

सीआईएसएफ ने उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय, मद्रास विश्वविद्यालय, इग्नू और जेएनयू के साथ साझेदारी की है, जिससे कर्मियों को निरंतर कौशल उन्नयन के अवसर मिलेंगे।

महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी ने कहा—

“ये सुधार सीआईएसएफ को न केवल युद्ध-सक्षम और तकनीक-दक्ष बनाएंगे, बल्कि इसे विश्व स्तरीय प्रशिक्षण संस्थानों की श्रेणी में भी लाएँगे। सीआईएसएफ भारत के राष्ट्रीय क्षमता निर्माण परिदृश्य में उत्कृष्टता का प्रतीक बनेगा।”

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