सीआईएसएफ हो रहा है “बैटल रेडी” : भारतीय सेना के साथ गहन प्रशिक्षण शुरू

रामपुर बुशहर,22 जुलाई

 उप कमांडेंट  कौश्ल्लेंदर सिंह   केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल  इकाई एसजेवीएनएल झाकड़ी  ने बताया की बदलते सुरक्षा खतरों के बीच अपनी तैयारियों को मज़बूत करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने भारतीय सेना के साथ मिलकर गहन संयुक्त प्रशिक्षण शुरू किया है। यह कदम सीआईएसएफ  को असामान्य और आधुनिक खतरों से निपटने के लिए “बैटल रेडी” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

“बैटल रेडी” की  सीआईएसएफ 

 की अपनी परिभाषा

 सीआईएसएफ 

 के लिए “बैटल रेडी” का मतलब है कि उसके जवान देश के अहम और संवेदनशील ठिकानों जैसे हवाई अड्डे, परमाणु संयंत्र, सरकारी इमारतें और संसद में किसी भी आपात स्थिति में तेज़ और असरदार प्रतिक्रिया दे सकें। इसमें ड्रोन हमला, आतंकी हमला, अंदरूनी खतरा और तोड़फोड़ जैसी घटनाओं से सटीक ढंग से निपटना शामिल है।

कश्मीर घाटी में सेना के साथ विशेष प्रशिक्षण

पहली बार सीआईएसएफ  के पूरे बैच को कश्मीर घाटी में सेना की विशेष यूनिट्स से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले सिर्फ कुछ ही सीआईएसएफ  जवानों को सेना में प्रशिक्षण का अवसर मिलता था। अब सीआईएसएफ और सेना के बीच बेहतर तालमेल और राष्ट्रीय हित को देखते हुए बड़ी संख्या में जवानों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

बाक्स 

प्रशिक्षण में शामिल मुख्य विषय:

रात में ऑपरेशन (नाइट ऑपरेशन),  जंगल युद्ध (जंगल वॉरफेयर), नज़दीकी मुकाबला (क्लोज कॉम्बैट), सहनशक्ति बढ़ाने के अभ्यास (एंड्योरेंस ट्रेनिंग), ये ट्रेनिंग सीआईएसएफ के शहरी सुरक्षा अनुभव को और मज़बूत करते हुए जवानों को जटिल इलाकों और उच्च खतरे वाले क्षेत्रों में भी काम करने के लिए तैयार करेगी।

चुने गए सबसे योग्य जवान

इस कठिन प्रशिक्षण के लिए केवल 

सीआईएसएफ की क्विक रिएक्शन टीम (QRT) के जवानों को चुना गया है, जो किसी भी आपात स्थिति में सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हैं। चयन के लिए उम्र 35 साल से कम होनी चाहिए और NSG एनएसजी 

 मानकों के अनुसार बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (BPET) पास करना अनिवार्य था। ये सभी जवान पहले ही छह महीने की सघन इन-हाउस ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं।

आगे की योजना

भविष्य में सीआईएसएफ 

 इस तरह के एडवांस युद्ध प्रशिक्षण को अन्य यूनिट्स तक भी विस्तार देगा, खासकर उन स्थानों से शुरू करते हुए जो सबसे अधिक संवेदनशील हैं। उद्देश्य है कि सीआईएसएफ 

का हर जवान शारीरिक, मानसिक और रणनीतिक रूप से इतना सक्षम हो कि किसी भी नए खतरे का डटकर सामना कर सके और देश के महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा हमेशा सुनिश्चित की जा सके।

                                                                                फोटो कैप्शन 

रामपुर बुशहर  : प्रशिक्षण लेते हुए सीआईएसएफ के जवान ।                                  

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