1 सितम्बर
हिमाचल शिक्षा विभाग में सालों तक तले 200 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ईडी ने गिरफ्तारियां मनी लॉंड्रिंग एक्ट 2002 के प्रावधानों के तहत की हैं। मामले में एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार , केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों को विशेष न्यायालय शिमला के समक्ष पेश कर। अदालत ने आरोपियों के 5 दिनों की ईडी हिरासत में लिया है।
छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि राज्य शिक्षा विभाग , निजी संस्थान और बैंक अधिकारी 200 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे। ईडी की जांच से पता चला कि राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार ने मेसर्स एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप एंड स्किल डेवलपमेंट सोसाइटी के माध्यम से फर्जी दस्तावेज पेश करके एससी ,एसटी ,ओबीसी विद्यार्थियों के लिए पोस्ट.मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति का दावा किया।
केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटस पंडोगा ने छात्रवृत्ति के लिए फर्जी दावे पेश किए। इस ग्रुप के अध्यक्ष हितेश गांधी हैं। अरविंद राजटा ने फर्जी दावों को सत्यापित किया। हितेश गांधी ने विद्यार्थियों के बैंक खाते में वितरित छात्रवृत्ति को केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटस के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया।