10 जुलाई से 23 जुलाई तक चलेगी श्रीखंड महादेव यात्रा 

रामपुर बुशहर,2 जुन मीनाक्षी 

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित पवित्र श्रीखंड महादेव यात्रा का आयोजन 10 जुलाई से 23 जुलाई  तक किया जाएगा। यह यात्रा शिवभक्तों के लिए अत्यंत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है। हिमालय की ऊँचाईयों में स्थित श्रीखंड महादेव को भगवान शिव का एक दिव्य रूप माना जाता है, जहां भक्त 18,570 फीट की ऊँचाई पर स्थित प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन करते हैं। यह यात्रा अत्यधिक कठिन मानी जाती है, लेकिन शिवभक्तों के लिए यह एक तपस्या से कम नहीं होती।

यात्रा की विशेषताएं

श्रीखंड महादेव यात्रा की कुल दूरी लगभग 35 किलोमीटर होती है जो जांव (जिला कुल्लू के निरमंड क्षेत्र में) से शुरू होती है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु घने जंगलों, तेज़ धाराओं, बर्फ से ढके ग्लेशियरों और खड़ी चढ़ाइयों से गुजरते हैं। पूरी यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा शिविर, मेडिकल सुविधाएं, सुरक्षा, जल और भोजन की व्यवस्था की जाती है।

इस वर्ष यात्रा 14 दिनों तक चलेगी और इसके लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। श्रद्धालुओं को यात्रा पर निकलने से पहले फिटनेस प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा, क्योंकि यह यात्रा शारीरिक और मानसिक रूप से अत्यंत चुनौतीपूर्ण होती है। प्रशासन ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम या 60 वर्ष से अधिक है, वे यात्रा में भाग नहीं ले सकेंगे।

धार्मिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीखंड महादेव वही स्थान है जहाँ भगवान शिव ने तपस्या की थी और जहां माता पार्वती ने उन्हें पाने के लिए कठोर तप किया था। यह स्थल शिव के कैलाश से जुड़ाव का प्रतीक माना जाता है। श्रीखंड शिखर पर स्थित बर्फ का विशाल शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ है और इसे ‘स्वयंभू’ माना जाता है। भक्त यहां आकर यह मानते हैं कि उन्हें शिव का साक्षात दर्शन हुआ है।

प्रशासनिक तैयारियां

हिमाचल सरकार और जिला प्रशासन ने यात्रा के सफल संचालन के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस और आईटीबीपी के जवानों को तैनात किया जाएगा। हर दो किलोमीटर पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, विश्राम स्थल और खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी। पर्यावरण की रक्षा हेतु प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है और यात्रियों को अपील की गई है कि वे पर्यावरण का विशेष ध्यान रखें।

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