हिमाचल के पहले घरेलू जिम में हिंदुस्तानी मार्शल आर्ट्स कलरीपायटटू से युवाओं को मिल रही प्रेरणा

रामपुर बुशहर ,31 मार्च योगराज भारद्वाज

रामपुर बुशहर के साथ लगता चकलोट गांव में प्रदेश का पहला जिम स्थापित किया गया है जोकि कमल कांत राणा उर्फ राणा द वाइपर के नाम से विख्यात कुल्लू जिला में है।
इस जिम की विशेषता यह है कि इस जिम के सभी उपकरण सीमेंट से बने हुए हैं और इसके साथ-साथ इसमें कुछ घरेलू चीजें का भी प्रयोग किया हुआ है।हालांकि इस जिम को देखने के लिए आनी के डीएसपी रविंद्र नेगी ने इस जिम का निरीक्षण भी किया था। सोशल मीडिया पर युवाओं को यू-ट्यूब चैनल राणा द वाइपर के माध्यम से फिटनेस के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
राणा ने बताया कि वह हिंदुस्तान की मार्शल आर्ट जिसे कलरीपायट्टु नाम से जाना जाता है। यह विश्व की सभी मार्शल आर्ट की जननी व सबसे पुरानी मार्शल आर्ट है। इस कला की उत्पत्ति दक्षिण भारत के केरल राज्य में हुई। कलरीपायट्टु दो शब्दों से मिल कर बना है, पहला ‘कलरी’ जिसका मतलब स्कूल या व्यायामशाला जबकि दूसरे शब्द ‘पायट्टु’ का मतलब होता है युद्ध या व्यायाम करना। ऐसी मान्यता है कि कलरीपायट्टु को स्वयं भगवान शिव ने बनाया और इस कला का ज्ञान उन्होंने सप्तऋषि अगस्त्य को दिया जिन्होंने इस कला की मदद से दक्षिणी कलरीपायपट्टु का विकास किया। 13वीं और 16वीं शताब्दी के दौरान, कला ने प्रभुत्व प्राप्त किया और हालाँकि, ब्रिटिश आधिपत्य के दौरान, भारत में मार्शल आर्ट को बड़ी असफलता का सामना करना पड़ा।
बॉलीवुड एक्टर विद्युत जामवाल ने भी उन्हें टी-शर्ट दी थी। वे उनके बहुत बड़े फैन है।राणा का एकमात्र उद्देश्य है कि लोगों को फिटनेस के प्रति जागरूक करना व नशे से दूर करना। और साथ ही साथ लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी देते हैं। और हिमाचल प्रदेश में नशा छोड़ो बॉडी बनाओ अभियान छेड़ा हुआ है।

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