रामपुर बुशहर, 3 मई मीनाक्षी
शिमला जिले के प्रमुख कृषि-बागवानी क्षेत्रों फागु, कुफरी और ठियोग में शनिवार को अचानक हुई भारी ओलावृष्टि ने किसानों और बागवानों की साल भर की मेहनत पर पानी फेर दिया। तेज हवाओं के साथ आई इस ओलावृष्टि ने सेब, आलू, मटर और अन्य फसलों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। खेतों और बागों में लगे फूल और कच्चे फल झड़ गए हैं, जिससे उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका है।
किसानों का कहना है कि वे पहले ही बदलते मौसम, महंगी खाद और कीटनाशकों की मार झेल रहे थे, अब प्राकृतिक आपदा ने उनकी कमर तोड़ दी है। बागवानों ने बताया कि इस समय सेब के फूलों और छोटे फलों की देखभाल का समय था, लेकिन ओलों ने पेड़ों को ही नुकसान पहुंचा दिया है। ठियोग के एक किसान रमेश ठाकुर ने कहा, “पूरे साल की मेहनत बेकार हो गई। हमें अब कर्ज चुकाना मुश्किल होगा।”
इस प्राकृतिक आपदा ने फिर एक बार यह दिखा दिया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में खेती-किसानी किस कदर मौसम पर निर्भर है और इसके लिए स्थायी समाधान और बीमा योजनाएं ज़रूरी हैं।