रामपुर बुशहर, 30 नवम्बर
सर्दियों के मौसम में सरसों का साग पौष्टिकता से भरपूर होता है! मक्के की रोटी के साथ सरसों का साग काफी पसंद किया जाता है! अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले में इसकी खुब धूम मची हुई है! जो भी लोग लवी मेला मैदान में लवी देखने के लिए पहुंचते है वह सरसों का साग मक्के की रोटी खाए बीना नहीं जा रहा है! मेले में हर साल मक्की की रोटी सरसों का साग मिलता है यहां के लोगों का कहना है कि यहां पर साल में एक बार जो पारंपरिक देश उन्हें खाने के लिए मिलती है उनका कहना है कि पहले सभी के घरों में यो यो पकवान बनता था लेकिन अब काफी बदलाव हो चुका है लोगों के घरों से यह रोटी गायब हो चुकी है लेकिन अंतरराष्ट्रीय लव यू मेले में अभी भी इसका खूब आनंद लेने के लिए लोग पहुंचते हैं!
वह कुल्लू से आए व्यापारी ने बताया वे हर साल लवी मेले में मक्की की रोटी सरसों का साग का स्टॉल लगाते हैं उन्होंने बताया यहां पर हर दिन वे 100 किलो के करीब आटे से छलनी की रोटी तैयर करते हैं
और शाम तक वह पूरी तरह से खत्म हो जाती हैं!
व्यापारी ने बताया मक्की की रोटी के साथ-साथ कोदे की रोटी भी यहां पर लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही है ! जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं 50 रूपये मक्की की रोटी सरसों का साग दिया जा रहा है! कोदे की रोटी के साथ 70 रूपये प्लेट लोगों को उपलब्ध की जा रही है
वहीं बता दें की मक्के की रोटी का जिक्र होते ही सरसों का साग भी जेहन में आने लगता है. विंटर सीजन में तो खास तौर पर सरसों का साग और मक्के की रोटी को खाया जाता है. शरीर में गर्माहट लाने वाला सरसों का साग न सिर्फ पौष्टिक होता है, बल्कि ये मक्के की रोटी के साथ काफी स्वादिष्ट भी लगता है!