शिमला,30 सितंबर योगराज भारद्वाज
पावर इंजीनियर एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की बैठक हुई में विभिन्न मुद्दों पे चर्चा हुई| इसमें मुख्यता अभियंताओं की रुकी हुई पदोन्नति और सरकार द्वारा गठित उप समिति की प्रथम बैठक मैं हुआ चर्चा पे विचार विमर्श किया गया।इस अवसर पर पावर इंजीनियर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने कहा की उप समिति की प्रथम बैठक के जो कार्यवृत्त (मिनट्स ऑफ़ मीटिंग) सोशल मीडिया पे प्रसारित रहे हैं उन्हें पड़ के यह लगता है जिसने भी उप समिति के सामने प्रस्तुति दी है, वह पावर सेक्टर के कार्य प्रणाली से अनिभिज्ञ था। सभी सदस्यों ने ऐसा महसूस किया की कहीं न कहीं सरकार को गुमराह किया जा रहा है| पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने यह फैसला किया की वह उप समिति से यह अनुरोध करेंगे की कोई भी फैसला लेने से पहले, उनके एक प्रतिनिधि मंडल को उप समिति के समक्ष अपनी बात रखने का मौका दिया जाये |
इसके अलावा सदस्यों ने इस बात पे गहरी चिंता जताई की बिजली बोर्ड मैं अभियंताओं की पदोन्नति लगभग 6 महीने से नहीं हुई है, जिसके चलते केवल बिजली बोर्ड मैं ही 7 अधीक्षण अभियंता पद खाली चल रहे हैं|लोकेश ठाकुर ने कहा की जहाँ इस में कोई शक नहीं है की बिजली बोर्ड मैं नीचले स्तर पे फील्ड टेक्निकल स्टाफ की भारी कमी है, पर अभियंता स्तर पे कृत्रिम कमी पैदा करने से बोर्ड का कामकाज पर आगे जा कर काफी फर्क पड़ेगा| इसके अलावा समय पर पदोन्नति न मिलने से अभियनता भी काफी हताश है|
पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने कहा की मौजूदा सरकार ने एक चीफ इंजीनियर और एक अधीक्षण अभियंता का पद सृजित किया है जिस से यह स्पष्ट है की सरकार को यह अहसास है की आने वाले समय में अभियन्तों का काम और बढ़ने वाला है |
बिजली किसी आम कमोडिटी की तरह नहीं है जिसको सिर्फ खरीदना और बेचना होता है| इस सेक्टर मैं बहुत चुनौतियां है जो आने वाले समय में बढ़ने वाली है, क्योंकि इलेक्ट्रिकल व्हीकल, सोलर एनर्जी , और रिन्यूएबल एनर्जी के ज़माने मैं बिजली उत्पादन और वितरण दोनों ही चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं |
मीटिंग के अंत में सभी सदस्यों ने माननीय मुख्या मंत्री की अच्छे स्वस्थ की कामना की, और यह फैसला लिया की उनके स्वस्थ होने के बाद एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिल करके उन्हें सभी मुद्दों से अवगत करवाएगा।