फ्लोरिंग आना हुआ शुरू
बागवान अनिरुद्ध बिष्ट ने 4 हजार फीट की ऊंचाई पर तैयार किया गया अन्ना किसम के सेब का बगीचा
रामपुर बुशहर, 8 फरवरी मीनाक्षी
शिमला जिला रामपुर बुशहर का लगभग 4 हजार फिट की उंचाई पर बसे मतेयनी गांव में सेब की अन्ना किसम तैयार की गई है! यह किसम स्थानीय निवासी अनिरुद्ध बिष्ट द्वारा तैयार की गई है! अभी तक इस क्षेत्र में केवल 6 हजार फिट से उपर के क्षेत्र में ही सेब की अधिक पैदावार देखने को मिलती थी लेकिन अब 4 हजार से नीचे भी सेब की खेती रामपुर बुशहर में हो रही है!
जानकारी देते हुए अनिरुद्ध बिष्ट ने बताया कि उनके द्वारा अन्ना किसम की प्रजाति का सेब तैयार किया गया है! सीडलींग पर इस सेब में तीसरी साल में सेंपल आया है! उन्होंने बताया कि यह सेब जुन के महिने में तैयार हो जाता है! और इसके उस समय अच्छे दाम भी मिलते हैं! उन्होंने बताया कि आजकल इस सेब में फलावरींग आना शुरू हो चुकी है!
उन्होंने बताया कि
पहाड़ी क्षेत्रों में उगने वाले सेब की ‘अन्ना’ प्रजाति को 45 डिग्री तापमान पर भी उगाने में सफलता हासिल की जा सकती है। जल्द ही इसके पौधों की व्यवसायिक बिक्री शुरू कर दी जाएगी! इससे कम उंचाई वाले क्षेत्र के लोगों को पारंपरिक फसलों से छुटकारा पाने के साथ किसानों को आमदनी का भी नया जरिया मिल सकेगा।
एक बार खर्च, सालों तक आमदनी
‘अन्ना’ सेब का बाग लगाने पर शुरू के तीन साल ज्यादा खर्च होता है। इसके बाद आमदनी होने लगती है। रोपने के सालभर बाद ही फरवरी में पौधे में फूल आना शुरू हो जाता है!
मई-जून के गर्म मौसम में फल पकने शुरू हो जाते हैं। फलों का औसत वजन 200 ग्राम रहता है।
कीटनाशक रहित ताजा सेब
मई-जून में जिस समय अन्ना प्रजाति का सेब बाजार में आता है, उस समय अन्य प्रजातियों का कोल्ड स्टोरेज में रखा सेब ही बाजार में पहुंचता है। इसमें रोगों की आशंका भी अन्य प्रजातियों के मुकाबले बेहद कम है। मैदानी क्षेत्रों में पुष्पन की परिपक्वता के दौरान हानिकारक कीट या व्याधि का प्रकोप नहीं होता। कीटनाशक या फफूंदीनाशक का प्रयोग नहीं होने के कारण फल की गुणवत्ता भी उम्दा रहती है।
अन्ना प्रजाति का सेब थोड़ा खट्टा होता है। इसी खूबी के कारण यह कस्टर्ड और फ्रूट रायता में ज्यादा प्रयोग होता है।
फोटो कैप्शन
रामपुर बुशहर : अन्ना किसम के सेब में फ्लोरिंग हुई शुरू!