वन्य प्राणी संरक्षण विभाग द्वारा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी दानघाटी में पहली बार की जाएगी राज्य पक्षी जाजुराणा की गणना

सराहन में विश्व का पहला जाजुराणा के प्रजनन का केंद्र,आए दिन यहां पर 45 जाजुराणा है मौजूद 

2020 में छोड़े गए थे 6 जाजुराणा, कुनबे की घटने व बढ़ने का लगाया जाएगा पता 

रामपुर बुशहर,30 अप्रैल योगराज भारद्वाज

हिमाचल प्रदेश शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में वन्य प्राणी सरक्षण विभाग द्वारा राज्य पक्षी जाजुराणा की गणना की जाएगी। उसके बाद साफ हो सकता है कि वाइल्ड लाइफ़ सेंचुरी दारनघाटी सराहन से लेकर काशापाठ तक कितने जाजुराणा मौजूद है। जानकारी देते हुए वन मंडल अधिकारी सराहन अशोक नेगी ने बताया कि इस साल पहली बार इनकी गणना करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अप्रैल अंत व मई 15 तक इनकी गीनती की जाएगी। इस कार्य को करने के लिए टीमें गठीत की जाएगी। उन्होंने बताया कि टीमें ऊंचाई तक जाकर विभिन्न विधियों द्वारा जाजुराणा की मौजूदगी के आंकड़े एकत्रित करेगी। हिमाचल प्रदेश शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के सराहन में विश्व भर में राज्य पक्षी जाजुराणा का एक मात्र प्रजनन केंद्र मौजूद हैं। यहां पर आए दिन जाजुराणा की संख्या 45 है। समय समय पर इन पक्षियों को जंगलों में भी छोड़ा जा रहा है। 

 2020 में जंगल में 6 जाजुराणा छोड़े गए थे। अब देखना यह होगा कि क्या वे सुरक्षित है और उनका कुनबा कितना बड़ा है। 

परिंदों की गणना के लिए कॉल काउंट विधि, आवाज, स्कैनिंग विधि, साइलेंट ड्राइव काउंट, उड़ते हुए पक्षियों की गिनती, मलमूत्र, गिरे हुए पंख, पक्षी द्वारा की गई खुदाई, कैमरा और दुरवीन तथा किसी विशेष स्थान की निगरानी आदि कई तकनीकों को अपनाया जाता है। दुर्लभ प्रजाति का पक्षी जाजुराना दुनिया भर से विलुप्त होने के कगार पर है। इन्हें बचाने के लिए वन्य प्राणी संरक्षण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। 

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वाइल्ड लाइफ सेंचुरी

वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में जंगली इलाका होता है, जहां वन्यजीवों को उनके अनुकूल माहौल देने के साथ सुरक्षा भी प्रदान की जाती है, जिससे वन्यजीव एक बेहतर प्राकृतिक माहौल में जीवन जी सके। यहां इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उन्हें लोगों द्वारा की जाने वाली कोई भी गतिविधि से परेशानी न हो। उनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग की ओर से वन रक्षकों को भी तैनात किया जाता है, जिससे कोई भी व्यक्ति वन्यजीवों का शिकार न कर सके। भारत में वर्तमान में 567 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं। जिनमें से दानघाटी भी एक है। 

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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 वन्यजीव संरक्षण

 अधिनियम 1972 भारत में एक महत्वपूर्ण कानून है जो देश के वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण पर केंद्रित है। इसका प्राथमिक उद्देश्य वन्यजीव प्रजातियों के प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करते हुए उनके अवैध शिकार और व्यापार से निपटना है। प्रभावी आवास प्रबंधन के साथ-साथ जानवरों और पौधों की सुरक्षा के लिए एक कानूनी ढांचा स्थापित करने के लिए अधिनियम बनाया गया था। यह वन्य जीवन और संबंधित उत्पादों के व्यापार को भी नियंत्रित करता है।

फोटो कैप्शन

रामपुर बुशहर : जाजुराणा की तस्वीर।

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