रामपुर बुशहर,16 अप्रैल योगराज भारद्वाज
हिमाचल प्रदेश के निरथ क्षेत्र में बुधवार को लुहरी हाइड्रो प्रोजेक्ट से प्रभावित 16 पंचायतों के किसानों ने एकजुट होकर जोरदार रैली निकाली और परियोजना स्थल पर धरना प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन हिमाचल किसान सभा लुहरी हाइड्रो प्रोजेक्ट प्रभावित कमेटी के आह्वान पर आयोजित किया गया। इस दौरान किसान सभा के नेता और स्थानीय प्रतिनिधियों ने प्रोजेक्ट से जुड़ी समस्याओं और सरकार की उदासीनता को लेकर तीखा विरोध दर्ज किया।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान सभा प्रभावित कमेटी के महासचिव देवकी नंद, अध्यक्ष कृष्णा राणा और डॉ. ओंकार शाद ने कहा कि लुहरी प्रोजेक्ट से प्रभावित किसान लंबे समय से अपनी जायज़ मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। बावजूद इसके, अब तक उनकी समस्याओं का कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है। प्रभावित किसानों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) से अपनी मांगें रखीं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिले।
नेताओं ने बताया कि परियोजना के निर्माण से उत्पन्न धूल के कारण फसलें बर्बाद हो रही हैं, लेकिन इसका मुआवजा केवल देलठ पंचायत को वर्ष 2021-22 के लिए ही दिया गया है। वहीं देहरा और गड़ेच पंचायतों में सर्वेक्षण तो हुआ, लेकिन मुआवजा आज तक नहीं दिया गया। इसी प्रकार, ब्लास्टिंग के कारण कई घरों में दरारें पड़ीं, लेकिन मुआवजा केवल नीरथ पंचायत को मिला है। देहरा, देलठ और शमाथला पंचायतों में सर्वे के बावजूद मुआवजा नहीं दिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि न तो सरकार, न ही प्रशासन और न ही एसजेवीएन किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर है। केवल औपचारिकताएं निभाई जा रही हैं और वास्तविक समाधान से सभी कतरा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिन परिवारों की भूमि परियोजना में अधिग्रहित की गई, उनमें से 128 परिवारों को अभी तक एकमुश्त मुआवजा राशि भी नहीं दी गई है। इसके अलावा, स्थानीय युवाओं को भी रोजगार नहीं दिया जा रहा, जो कि समझौते का अहम हिस्सा था।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते सरकार और संबंधित विभाग प्रभावितों की समस्याओं का समाधान नहीं करते, तो आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि अभी भी वक्त है कि सरकार और एसजेवीएन किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं।
बुधवार के इस विरोध प्रदर्शन के दौरान परियोजना का कार्य भी पूरी तरह से ठप कर दिया गया, जिससे आंदोलन की गंभीरता और किसानों के आक्रोश का स्पष्ट संकेत मिला है।
फोटो कैप्शन
रामपुर बुशहर : धरना-प्रदर्शन करते हुए प्रभावित।