निरमंड ,14 जून ब्यूरो
आगामी मानसून के समय जन धन की हानि को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। डीडीएमए शिमला द्वारा जारी निर्देशो के अनुसार शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में बाढ़ तथा भूस्खलन से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन, पुलिस, होमगार्ड, एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, तथा आइटीबीपी के जवानों ने अलग अलग स्थानों पर मॉक ड्रिल की। भारी बारिश के कारण निरमण्ड स्थित गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की इमारत ढह जाने की स्थिति में राहत और बचाव कार्य से संबंधित मॉक ड्रिल की गई।
एसजेवीएन प्रोजेक्ट बॉयल की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के जवान सभी सुरक्षा तथा बचाव उपकरणों से लैस होकर घटनास्थल पर पहुंचे तथा राहत और बचाव कार्य में जुट गए। स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य सेवाएं एवं अन्य इमरजेंसी सेवा के कर्मचारियों ने अपनी अपनी भूमिका निभाई। सीआईएसएफ के जवानों द्वारा 15 स्कूली बच्चों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया तथा बाद में फर्स्ट एड देकर एम्बुलेंस के द्वारा हॉस्पिटल के लिए रवाना किया गया। स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर रेस्क्यू सेंटर की भी स्थापना की गई। मेगा मॉक ड्रिल के बाद प्रत्येक टीम द्वारा ड्रिल के दौरान हुई कमियों तथा उनमें सुधार के संबंध में मीटिंग की गई। उपस्थित अधिकारियों का कहना है कि सीआईएसएफ के जवानों की कार्यशैली बहुत अच्छी है। उनके पास ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बचाव उपकरण उपलब्ध हैं एसजेवीएन की सुरक्षा के साथ ही साथ आस पास के इलाके में होने वाली घटनाओं में अपना पूरा सहयोग देते हैं। एसडीएम मनमोहन सिंह ने सभी टीमो को कोर्डिनेट किया तथा सभी के कार्यों की सराहना की।