शिमला, 25 अप्रैल मीनाक्षी
शिमला के राजभवन में रखी उस ऐतिहासिक मेज़ से शुक्रवार सुबह पाकिस्तान का झंडा हटा दिया गया, जिस पर साल 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ था। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब पाकिस्तान ने खुद ही इस समझौते को निलंबित करने की घोषणा की है। पाकिस्तान का यह कदम भारत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सामने आया है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई।
भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इनमें राजनयिक संबंधों में कटौती, पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को भारत से बाहर भेजना, अटारी बॉर्डर से ज़मीनी मार्ग बंद करना और सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है। इन जवाबी कदमों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को निलंबित करने का एलान किया, जिसे दोनों देशों के बीच शांति और बातचीत का आधार माना जाता था।
राजभवन के कीर्ति हॉल में मौजूद वह मेज़ जिस पर यह ऐतिहासिक समझौता हुआ था, अब एक प्रतीक स्थल बन चुकी है। लकड़ी की यह सुंदर मेज़ एक लाल मंच पर रखी गई है और पीतल की रेलिंग से घिरी हुई है। इस पर लगी एक पट्टिका पर लिखा है – “शिमला समझौता यहां 3 जुलाई 1972 को हस्ताक्षरित हुआ।” इस मेज़ पर अब सिर्फ भारत का झंडा है, पाकिस्तान का झंडा हटा दिया गया है। यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक बदलाव नहीं है, बल्कि यह बदलते समय और बदलती सोच का संकेत भी है।
आज जब देश आतंक के खिलाफ एकजुट है, तब यह कदम लोगों की भावनाओं से भी जुड़ा है। यह दिखाता है कि भारत अब किसी भी प्रकार की एकतरफा दोस्ती या समझौते को तब तक जारी नहीं रखेगा, जब तक सामने से भी भरोसे और सम्मान का जवाब न मिले। हिमाचल की राजधानी शिमला में मौजूद यह स्थल वर्षों से इतिहास का साक्षी रहा है और अब यह एक नए दौर की ओर इशारा कर रहा है।