शिमला, 7 अप्रैल
रामपुर बुशहर से संबंध रखने वाली सीमा भारद्वाज की पुस्तक का वीरवार को विमोचन हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रमुख सदस्य प्रो. डॉ. नैन सिंह (शिक्षाविद) के कर कमलों द्वारा किया गया!
सीमा भारद्वाज सर्वपल्ली राधाकृष्णन संस्थान नोगली में प्राध्यापिका के रूप में पिछले 13 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रही हैं। साथ ही साथ बच्चों को परामर्शदाता (काउंसलर) के रूप में अपनी सेवाएं स्कूलों में दे रही है। भारद्वाज ने दर्शन शास्त्र मनोविज्ञान, संगीत एवं इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है साथ ही शिक्षा में एमफील और राष्ट्रीय पात्रता (नेट) उत्तीर्ण की है। यह अभी तक एमएड के 22 शोध प्रकरण का पर्यवेक्षण कर चुकी है। भारद्वाज ने पुस्तक के अलावा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय जनरल में कई शोध पत्र भी प्रकाशित किए है। इनके द्वारा लिखी पुस्तक शिक्षा में नाटक और कला का विमोचन 6 अप्रैल वीरवार को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रमुख सदस्य प्रो. डॉ. नैन सिंह (शिक्षाविद) के कर कमलों द्वारा किया गया। इस उपलक्ष्य पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के अध्यक्ष एवं डीन प्रो. डॉ. अजय अत्री, डॉ. युद्धवीर व अन्य शोधकर्ता शालिनी गौतम, सपना, ललित, व विश्वविद्यालय के बी. एड. एम. एड. के छात्र भी मौजूद रहे। इस प्रकाशन के लिए प्रो. डॉ. नैन सिंह, प्रो. डॉ. अजय अत्री व विभाग के सभी सदस्यों ने लेखिका (सीमा भारद्वाज) को बधाई दी। लेखिका ने कहा कि यह पुस्तक का प्रथम संस्करण है जो अंग्रेजी माध्यम में प्रकाशित हुआ है। इसका दूसरा संस्करण हिंदी माध्यम में कुछ ही दिनों में प्रकाशित होने वाला है। इस पुस्तक का उद्देश्य शिक्षा को सृजनात्मक व रचनात्मक बनाना है। यह पुस्तक केवल छात्रों के लिए ही नहीं अपितु अभिभावकों व अध्यापकों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। भारद्वाज ने कहा है कि उन्होंने पुस्तक में उन सभी महत्वपूर्ण पहलुओं व समाधान को शामिल किया गया है जिसके माध्यम से बच्चों को गलत आदतों व विचारों को ग्रहण करने से बचाया जा सकता है और उन्हें भावनात्मक व आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ बनाया जा सकता है।
पुस्तक विमोचन के अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष डॉ. मुकेश शर्मा, प्रधानाचार्य डॉ. नवीन कुमार मोक्टा व सभी अध्यापक वर्ग ने उन्हें बधाई दी व पुस्तक का
का स्वागत किया।
फोटो कैप्शन
रामपुर बुशहर : पुस्तक का विमोचन करते हुए!