नारकंडा,11 अप्रैल मीनाक्षी
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि युवा देश का वर्तमान भी है जिनपर देश का भविष्य टिका है। हमें अपने युवाओं को सकारात्मक दिशा में ले जाकर और मजबूत बनाना है।
राज्यपाल आज शिमला के अन्तर्गत नारकण्डा में हिमालयन एक्सपेडिशन की ओर से आयोजित 5वीं सिल्क रूट अल्ट्रा ट्रेल रन के शुभारम्भ अवसर पर बोल रहे थे। इस दौड़ को नशा मुक्ति हिमाचल अभियान को समर्पित किया गया है। हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग पर आयोजित यह दौड़ हिमाचल पर्यटन विभाग एवं इंडियन ऑयल के सह-प्रायोजन व हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी और हिम ईरा के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इस दौड़ में भारत के विभिन्न राज्यों से 250 से अधिक धावक हिस्सा ले रहे हैं।
यह दौड़, नारकण्डा से सराहन तक फैले प्राकृतिक सौंदर्य, ऊंचे पहाड़ी रास्तों और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर मार्ग पर आयोजित की जा रही है। 102 किलोमीटर की इस दौड़ में चार श्रेणियां रखी गई हैं और फ्रांस, जर्मनी से तीन अंतरराष्ट्रीय धावक भी इस ट्रेल रन में भाग ले रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह सिल्क रूट अल्ट्रा ट्रेल रन केवल एक खेल प्रतियोगिता भर नहीं है, बल्कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति, प्रकृति और परंपरा से जुड़ने का एक अनूठा माध्यम है। यह प्रतिस्पर्धा न केवल साहस और धैर्य की परीक्षा है, बल्कि हमारे इतिहास और विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास भी है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन स्थानीय युवाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार के नए अवसर भी सृजित कर रहा है। प्राचीन सिल्क रूट के महत्व को आज की युवा पीढ़ी से जोड़ने का सफल प्रयास करने के लिए उन्होने आयोजन समिति की प्रशंसा की।
श्री शुक्ल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ एडवेंचर टूरिज्म और ईको-टूरिज्म की अपार संभावनाओं से परिपूर्ण है। इस प्रकार के आयोजन इन संभावनाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का माध्यम बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी खेल स्पर्धाओं के माध्यम से नशामुक्ति अभियान को आगे बढ़ाना है। नशा उन्मूलन केवल सरकार का दायित्व नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का स्थायी समाधान तभी संभव है जब समाज के सभी वर्ग इस अभियान में भाग लें और नशे के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों। उन्होंने कहा कि यह पहल समाज के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि नशा एक ऐसी सामाजिक बुराई है, जो हमारे युवाओं, परिवारों और संपूर्ण राष्ट्र को कमजोर कर रही है। हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है। इसका मतलब है कि अपनी समृद्ध परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े रहना। लेकिन, नशा ऐसे ही बढ़ता रहा तो क्या हम अपनी संस्कृति की सार्थकता को बनाए रख पाएंगे। यह बहुत चिंताजनक है कि हमारे युवा नशे के कारण बर्बाद हो रहे हैं। हिमाचल को बचाना है और परिवारों को बचाना है तो नशे को समाप्त करना होगा, जिसके लिए सबको सहयोग करना पड़ेगा।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं कमांडेंट जनरल श्रीमती सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने कहा कि सिल्क रूट अल्ट्रा ट्रेल रन इवेंट हिमाचल की स्पिरिट को नमन करता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने इस दौड़ के आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह इवेंट नशा मुक्त हिमाचल अभियान से जोड़कर आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान को आरंभ किया है और लगभग सभी विभागों को इस अभियान से जोड़कर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं ताकि लोगों में जागरूकता लाई जाए और युवा भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके।
इस अवसर पर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था श्री अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि नशा मुक्ति के इस अभियान को समुचित समाज को पूर्ण रूप से अपने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की खेल प्रतिस्पर्धाओं पसे युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है। उन्होंने आयोजकों के प्रयासों की भी सराहना की।
इससे पूर्व, डॉ अखिल शर्मा ने नशे के कारणों और इपचार पर अपने विचार रखे।
इस अवसर पर शिवालिक नर्सिंग कॉलेज की छात्रों ने नशे पर अपनी प्रस्तुति दी।
इससे पूर्व, हिमालयन एक्सपीडिशन के सदस्य लक्ष्य ने इस दौड़ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। संस्था के संस्थापक सदस्य अतुल मेहता ने राज्यपाल को सम्मानित किया तथा हेमंत शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
राज्यपाल के सचिव सपी. वर्मा, जिला प्रशासन के अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी अवसर पर उपस्थित थे।