CISF ने ‘विस्फोट कवच IX’ में हासिल किया तीसरा स्थान – शीर्ष तीन में पहुंचने वाला एकमात्र CAPF

केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने NSG मानेसर में आयोजित 9वें संयुक्त काउंटर IED अभ्यास – विस्फ़ोट कवच IX में तीसरा स्थान प्राप्त करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 16 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर) और 4 CAPF (BSF, CRPF, SSB और CISF) की कुल 23 उत्कृष्ट टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए CISF शीर्ष तीन में स्थान पाने वाला एकमात्र CAPF बना। यह उसकी बेहतरीन ऑपरेशनल तैयारी और काउंटर IED क्षमता का प्रमाण है।

विस्फ़ोट कवच IX के परिणाम इस प्रकार हैं:

  • प्रथम स्थान: कर्नाटक पुलिस BDDS
  • द्वितीय स्थान: आंध्र प्रदेश OCTOPUS (विशेष एंटी-टेरर यूनिट)
  • तृतीय स्थान: सीआईएसएफ टीम (सीआईएसएफ की कई इकाइयों से बनी संयुक्त टीम)

सीआईएसएफ टीम में एक डॉग हैंडलर और प्रशासनिक कर्मचारी सहित 20 सदस्य शामिल थे, और इसका नेतृत्व बेंगलुरु एयरपोर्ट में पदस्थ श्री संदीप मन्हास, उप कमांडेंट ने किया। टीम ने उच्च क्षमता वाले बम निरोधक कौशल, आधुनिक काउंटर आईईडी उपकरणों के उन्नत उपयोग और गहन तकनीकी समझ का प्रभावशाली प्रदर्शन किया- जो देश की संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में बल की भूमिका को दर्शाता है।

इस अभ्यास का एक मुख्य आकर्षण विमानन सुरक्षा, विविध आईईडी मॉडल, उपकरण नवाचारों—जिसमें एमपीआरटीसी बहरोड़ के प्रशिक्षकों के सहयोग से तैयार किए गए कस्टमाइज्ड टूल शामिल हैं—और घरेलू विस्फोटकों में उभरते रुझानों के व्यापक विश्लेषण पर दल की बहुप्रतीक्षित प्रस्तुति थी। जूरी और मूल्यांकन अधिकारियों ने टीम की पेशेवर गहराई और वास्तविक दुनिया की परिचालन चुनौतियों के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण की सराहना की।

सीआईएसएफ टीम ने आरएसपी ड्रिल में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और सभी प्रतिभागी टीमों में सर्वोच्च स्कोर हासिल किया। इसके अलावा, सीआईएसएफ यूनिट डीएमआरसी के K9 चेतक ने विस्फोटक पहचान में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए विशेष प्रशंसा अर्जित की और K9 मूल्यांकन और आरएसपी ड्रिल दोनों में मूल्यांकनकर्ताओं को प्रभावित किया।

यह उपलब्धि भारत के प्रमुख औद्योगिक और महत्वपूर्ण अवसंरचना सुरक्षा बल के रूप में सीआईएसएफ की प्रतिष्ठा को साबित करती है। सीआईएसएफ वर्तमान में 360 से अधिक महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है, जिनमें हवाई अड्डे, बंदरगाह, अंतरिक्ष प्रतिष्ठान, परमाणु सुविधाएं, मेट्रो नेटवर्क और दंतेवाड़ा जैसे मुख्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थित इकाइयां शामिल हैं, जहां कर्मी नियमित रूप से आईईडी खतरों का पता लगाते हैं और उन्हें निष्क्रिय करते हैं। यह बल हवाई अड्डों, मेट्रो प्रणालियों और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संपत्तियों के माध्यम से प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक यात्रियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करता है – जिसे देश भर में तैनात BDDS और K9 टीमें 24×7 समर्थन प्रदान करती हैं।

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