ताकि ग्रामीण क्षेत्र के साथ साथ मौके पर पहुंची आर्मी के जवाज आर-पार जा सके।, सभी ने की सराहना वन विभाग ने निभाई थी अहम भूमिका
रामपुर बुशहर,16 नवम्बर योगराज भारद्वाज
अंतराष्ट्रीय लवी मेले के दौरान सीनियर सेकेंडरी स्कूल सनशाइन के छात्रों ने एक मॉडल के माध्यम से दर्शाया कि बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं के दौरान वन विभाग और अन्य संस्थानों का सामूहिक प्रयास कितना महत्वपूर्ण होता है। इस मॉडल ने बाढ़ के समय उत्पन्न हुए संकट को प्रभावी रूप से चित्रित करते हुए यह बताया कि किस प्रकार वन विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति को नियंत्रण में लाने और सैनिकों के अभियान को सुगम बनाने में एक अहम भूमिका निभाई।
*बाढ़ के हालात और वन विभाग की भूमिका*
समाज में जब बाढ़ जैसी आपदाएं आती हैं, तो न केवल जान-माल का नुकसान होता है बल्कि यातायात, आवागमन और बुनियादी सेवाओं में भी भारी व्यवधान पड़ता है। ऐसे समय में वन विभाग प्राकृतिक संसाधनों का कुशल उपयोग कर राहत पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाता है। मॉडल ने यह स्पष्ट किया कि बाढ़ के दौरान समेज में वन विभाग ने किस प्रकार प्रभावित क्षेत्रों में कार्य किया।
*जल निकासी और राहत पथ का निर्माण*
वन विभाग ने बाढ़ के पानी की निकासी और राहत के लिए आवश्यक मार्गों का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाई। इस कार्य में स्थानीय वनस्पतियों और संसाधनों का उपयोग किया गया ताकि सेना और राहत दल आसानी से प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच सके।
ग्रामीण क्षेत्रों और सेना के लिए सहयोग
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों और मौके पर पहुंची सेना को राहत पहुंचाने में वन विभाग का योगदान विशेष रूप से सराहनीय था।बाढ़ के कारण मुख्य मार्गों के बाधित होने पर वन विभाग ने वैकल्पिक मार्ग तैयार किए, जिससे सेना को राहत सामग्री और उपकरण प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाने में मदद मिली।
*स्थानीय सामुदायिक सहभागिता*
वन विभाग ने ग्रामीण समुदायों के साथ मिलकर अस्थायी पुलों और बांस के स्ट्रक्चर का निर्माण किया, जिससे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में आना-जाना संभव हुआ। इस प्रयास से स्थानीय लोगों के साथ-साथ सेना के जवानों को भी आर-पार जाने में सुविधा हुई। छोटे छोटे लकड़ी के पुल बनाकर रहा को आसान बनाया गया।
*मॉडल की विशेषताएं और सराहना*
सनशाइन स्कूल के छात्रों द्वारा प्रस्तुत मॉडल में यह भी बताया गया कि वन विभाग ने कैसे त्वरित निर्णय लेकर प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के लिए प्रभावी योजनाएं लागू कीं। इसमें जल संरक्षण, पौधारोपण, और स्थानीय स्तर पर राहत कार्य जैसे विभिन्न उपायों को दर्शाया गया। इस मॉडल को लवी मेले में उपस्थित सभी आगंतुकों और अधिकारियों ने सराहा।
वहीं बता दें कि यह कार्य डीएफओ रामपुर गुरहर्ष सिंह की अध्यक्षता में वन विभाग की टीम द्वारा किया गया था। ऐसे में
बाढ़ जैसी आपदाओं के समय वन विभाग का योगदान न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह मानव जीवन की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए भी आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में छात्रों द्वारा प्रस्तुत मॉडल ने इस तथ्य को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया। यह मॉडल न केवल एक शिक्षण उपकरण के रूप में काम किया, बल्कि यह भी दिखाया कि सामूहिक प्रयासों से हम किसी भी आपदा का सामना कर सकते हैं। इस आयोजन ने वन विभाग के योगदान की सराहना करते हुए हमें पर्यावरण के महत्व को समझने और उसे संरक्षित करने की प्रेरणा दी।