सीआईएसएफ की “ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन” का कन्याकुमारी में भव्य समापन

रामपुर बुशहर,1 अप्रैल योगराज भारद्वाज

सीआईएसएफ को अपनी “सुरक्षित तट, समृद्ध भारत” थीम पर आधारित ऐतिहासिक पहल “ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन 2025” के सफल और शानदार समापन की घोषणा करते हुए गर्व और अत्यंत खुशी हो रही है। सीआईएसएफ द्वारा आयोजित “ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन” का भव्य समापन कन्याकुमारी में हुआ। इस समापन समारोह में सीआईएसएफ के महानिदेशक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, कार्यक्रम के दौरान स्थानीय निवासियों की भारी भीड़ ने सीआईएसएफ के साइकिल चालकों का उत्साहपूर्वक स्वागत किया ।
यह भव्य कार्यक्रम विवेकानंद रॉक मेमोरियल और तमिल संत एवं दार्शनिक थिरुवल्लुवर की मूर्ति के निकट आयोजित किया गया।

इस साइक्लोथॉन को 7 मार्च 2025 को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह द्वारा राजदित्य चोल सीआईएसएफ क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, तक्कोलम, रानीपेट जिला, तमिलनाडु से वर्चुअल रूप से झंडी दिखाकर शुरू किया गया था । इस चुनौतीपूर्ण यात्रा में 125 समर्पित CISF साइकिल चालक, जिनमें 14 महिला बल सदस्य भी शामिल थीं, ने भाग लिया। इन साइकिल चालकों ने कुल 6,553 किमी की दूरी तय की, जो 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से होकर 25 दिनों तक चली। इस साइक्लोथॉन के दौरान 1,200 से अधिक प्रतिभागियों ने विभिन्न चरणों में इसमें भाग लिया, जिससे इस पहल के प्रति जनता का मजबूत समर्थन सामने आया। इस साइक्लोथॉन को सीआईएसएफ की तटीय क्षेत्रों में स्थित विभिन्न इकाइयों के बल सदस्यों के साथ-साथ अन्य राज्य और केंद्रीय सरकार की एजेंसियों से समर्थन और महत्वपूर्ण सहयोग मिला । देश के प्रमुख तटीय शहरों और महत्वपूर्ण स्थलों, जैसे पारादीप पोर्ट, कोणार्क सूर्य मंदिर, गेटवे ऑफ इंडिया (मुंबई), विशाखापत्तनम, मैंगलोर, चेन्नई, कोचीन तथा पुडुचेरी में भव्य स्वागत और फ्लैग-ऑफ समारोह आयोजित किए गए, जिसने साइक्लोथॉन के संदेश को और अधिक प्रभावशाली और व्यापक रूप से फैलाया।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों को “तट प्रहरी” के रूप में सम्मानित करना और उनके अमूल्य योगदान को मान्यता देना था। इस प्रयास का उद्देश्य इन समुदायों को सशक्त बनाना भी था, जिससे वे तटीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में सुरक्षा बलों की “आंख और कान” की भूमिका को प्रभावी रूप से निभा सकें और राष्ट्र के समुद्री हितों की रक्षा में अहम भूमिका अदा करें।

सायक्लोथॉन का उद्देश्य तटीय समुदायों को भारत की तटरेखा से जुड़े विभिन्न सुरक्षा खतरों के बारे में जागरूक करना था, जिसमें तस्करी (जैसे नशीले पदार्थ, हथियार और विस्फोटक सामग्री) जैसी अवैध गतिविधियाँ, घुसपैठ के खिलाफ सतर्कता की आवश्यकता, और इन पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के महत्व के प्रति जन जागरूकता फैलाना था।

अपनी सुरक्षा केंद्रित उद्देश्य के अलावा, इस साइक्लोथॉन का उद्देश्य भारत के आंतरिक क्षेत्र के समुदायों को देश के मनमोहक तट से जोड़ना भी था। यह तटीय समुदायों की जीवंतता, उनके वनस्पति और जीव-जंतु, तथा उन अनूठी सांस्कृतिक परंपराओं को उजागर करने का एक अवसर था, जो भारत की तटीय पहचान को परिभाषित करती हैं।
ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन की मुख्य विशेषताएं- सीआईएसएफ और तटीय समुदायों के सामूहिक प्रयास का प्रमाण।

अभूतपूर्व सार्वजनिक सहभागिता: साइक्लोथन ने सार्वजनिक सहभागिता का वास्तव में एक अद्वितीय स्तर प्राप्त किया, जो इसकी व्यापक अपील और इसके संदेश की प्रभावशीलता को दर्शाता है। साइक्लोथन के मार्ग में आयोजित रैलियों, अन्य आयोजनों और जागरूकता अभियानों में सक्रिय रूप से 30 लाख से अधिक लोग शामिल हुए, जबकि साइक्लोथन का संदेश भौतिक संपर्कों के साथ-साथ विभिन्न ऑनलाइन और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से लगभग 2.5 करोड़ लोगों तक पहुंचा।

खेल जगत के प्रमुख व्यक्तित्व ,
फिल्म इंडस्ट्री के सितारों समेत अन्य कई हस्तियों ने अपने समर्थन से तटीय सुरक्षा के इस अभियान में अनगिनत लोगों को प्रेरित किया।

व्यापक भागीदारी और कवरेज: सायक्लोथॉन की यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और संवादों का आयोजन किया गया। जिसमें 26 प्रमुख आयोजन और 118 स्थानीय संवाद शामित्ल थे, जिसमें लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और गर्मजोशी से अपना समर्थन प्रदान किया । इन संवादों के दौरान तटीय सुरक्षा और तटीय जीवन की चुनौतियों पर केंद्रित चर्चाओं के माध्यम से विचारों और दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया गया। स्थानीय भागीदारी के सहयोग से विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें क्षेत्रीय विशिष्ट गीत, नृत्य, मार्शल आर्ट, पारंपरिक परिधान और सांस्कृतिक प्रथाओं का शानदार प्रदर्शन किया गया।

तटीय सुरक्षा की गहन समझः इस आयोजन ने विभिन्न तटीय क्षेत्रों द्वारा सामना किए जाने वाले विशिष्ट चुनौतियों और कमजोरियों के बारे में गहन समझ प्रदान की हैं। ये जानकारियाँ तटीय सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने में मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेंगी।

         उप कमांडेंट 

कौशलेंद्र सिंह सीआईएसएफ इकाई एसजेवीएनएल झाकड़ी (एचपी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *