हिमाचल प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आज मंडी के पड्डल ग्राउंड में एक पांच दिवसीय ‘व्यापार मेला’ का भव्य शुभारंभ हो गया है। पीएचडीसीसीआई (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) द्वारा एमएसएमई-विकास कार्यालय के सहयोग से आयोजित यह प्रदर्शनी 24 जून, 2025 तक चलेगी।
एमएसएमई मंत्रालय की पीएमएस योजना के तहत अवसर
यह व्यापार मेला एमएसएमई मंत्रालय की खरीद व विपणन सहायता योजना (पीएमएस स्कीम) के अंतर्गत हो रहा है। इस मेले का औपचारिक उद्घाटन 23 जून, 2025 को होगा, जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार के माननीय उद्योग, संसदीय मामले, श्रम और रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान मुख्य अतिथि होंगे। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक चंद्र शेखर ठाकुर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
इस प्रदर्शनी में देशभर से आए सूक्ष्म और लघु उद्यम अपने उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री कर रहे हैं। इन उद्यमियों को संबंधित एमएसएमई-विकास कार्यालय द्वारा पीएमएस योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार स्टॉल और आकस्मिक खर्च (अधिकतम 80 हजार रुपये) का भुगतान भी किया जाएगा।
जागरूकता कार्यक्रम: योजनाओं का सीधा लाभ
मेले के दौरान 21 जून, 2025 को एमएसएमई-विकास कार्यालय, सोलन द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को एमएसएमई मंत्रालय और अन्य विभागों द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूक करना है।
इस कार्यक्रम में भारतीय उद्यम विकास सेवा के सहायक निदेशक ग्रेड-1 और एमएसएमई-विकास कार्यालय सोलन के कार्यालय प्रमुख अशोक कुमार गौतम उपस्थित उद्यमियों से कार्यालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे और उनकी जिज्ञासाओं को शांत करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक, सिडबी, एनएसआईसी-एससी एसटी हब, जेम, बैंक, जिला उद्योग केंद्र/उद्योग विभाग जैसी विभिन्न संस्थाओं के अतिथि वक्ता भी अपने-अपने विभागों द्वारा एमएसएमई के संवर्धन और विकास हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तार से चर्चा करेंगे।
अशोक कुमार गौतम ने बताया कि यह कार्यक्रम और मेला भावी उद्यमियों व पहले से उद्यम कर रहे उद्यमियों के लिए मार्केटिंग हेतु अत्यंत कारगर साबित होगा। इससे केंद्र सरकार, राज्य सरकार और बैंकों द्वारा एमएसएमई के संवर्धन और विकास हेतु चलाई जा रही योजनाओं के बारे में उद्यमियों को महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
हिमाचल प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र का बढ़ता प्रभाव
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान राज्य में तीन प्रदर्शनी व्यापार मेलों का आयोजन पहले ही हो चुका है, और 70 से भी ज़्यादा सूक्ष्म व लघु उद्यमों ने इस योजना का लाभ उठाया है। हिमाचल प्रदेश में 2 लाख 23 हजार से अधिक उद्यम पंजीकृत हैं।
इसके अतिरिक्त, जेड योजना के अंतर्गत राज्य में 2102 कांस्य, 24 रजत और 17 स्वर्ण प्रमाण पत्र उद्यमों को दिए जा चुके हैं। क्लस्टर योजना के तहत राज्य में एक क्लस्टर का भी मंत्रालय द्वारा अनुमोदन किया जा चुका है। औद्योगिक क्षेत्रों के विकास हेतु 60 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किए गए हैं, जिसके तहत परवाणू, ऊना, खदीम और गोंडपुर आदि में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने हैं।
हाल ही में, रैम्प योजना के माध्यम से राज्य में एमएसएमई के संवर्धन और विकास हेतु करीब 109 करोड़ रुपये का अनुमोदन भी भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा किया जा चुका है, जिसमें से पहली किस्त करीब 43 करोड़ रुपये राज्य सरकार को दे दी गई है।
पीएम विश्वकर्मा योजना: कारीगरों को मिला सशक्त मंच
नवंबर 2024 में अंतर्राष्ट्रीय लावी मेला रामपुर बुशहर में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत एक चार दिवसीय राज्य स्तरीय प्रदर्शनी सह व्यापार मेला का आयोजन किया गया था। इसमें सभी 12 जिलों के लगभग 48 कारीगरों/शिल्पकारों ने भाग लिया और अपने बनाए हुए उत्पादों की प्रदर्शनी व बिक्री की।