फ्लावरिंग के समय सेब के पाैधाें पर किटनाशक  का छीड़काव न करें बागवान 

भाग जाएगी मधुमक्खियां, फिर परागण न हाेने से कम हाेगा सेब 

रामपुर बुशहर, 21 मार्च

हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र में सेब के बगीचों में फूलों के खिलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है!  फ्लावरिंग की इस बेहद संवेदनशील प्रक्रिया को सही ढंग से निपटाने के लिए बागबान अपने बगीचों में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सेब के फलों की बेहतर सेटिंग में  अहम भूमिका निभाने वाली परागण प्रक्रिया से निपटान के लिए बागबान मधुमक्खियों का सहारा ले सकते हैं! लेकिन फ्लावरिंग के समय किसी भी प्रकार के किटनाशक स्प्रे का प्रयोग नहीं करना चाहिए! 

वही ं उद्यान विकास अधिकारी रामपुर बुशहर प्रवीण मोहता ने बताया

पिंक बड निकलने पर बोरिक एसिड की स्प्रे सही रहती है ,और फूलों पर कीट नाशक का उपयोग मधुमखीयों के लिए नुक्सानदायक  रहता है! इसके लिए बागवानो को पहले ही जागरूक रहना चाहिए! उन्होंने बताया की परागण हेतु मोन ग्रह का चुनाव करते हुए यह ध्यान दें की उसमें 7-8 फ्रेम हो और मोन वंश मे रानी मखी हो और 50-60 प्रतिशत फ्रेम मधुमखीयों के  बच्चो से भरी हो! बागवान यह भी ध्यान दें की वह इन मोन गृह को 10 प्रतिशत फूल खिलने पर ही अपने बगीचो मे लगाए और अधिक जानकारी के लिए किसी निज़दीकी उद्यान प्रसार  अधिकारी व उद्यान विकास अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है ! उन्होंने बताया की फ्लावरिंग के पहले दौर के साथ ही बागवानों के लिए सीजन का सबसे सवेंदशील समय की शुरुआत भी हो गयी है! सेब की सेटिंग परागण पर निर्भर करती है ऐसे मे परागण की इस प्रक्रिया का सही ढंग से निपट जाना बागवानों के लिए हमेशा अहम रहता है!

विकास अधिकारी प्रवीण मेहता ने बताया कि इसके लिए विभिन्न स्थानों पर रामपुर उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा बागवानों को जागरूक भी किया है!  विभिन्न स्थानों पर कैंप के माध्यम से बागवानों को इससे निपटने के लिए अहम जानकारियां भी प्रदान की है! 

फोटो कैप्शन

रामपुर बुशहर : सेब का पौधा! 

रामपुर बुशहर : उद्यान विकास अधिकारी रामपुर प्रवीण मोहता! 

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