रामपुर बुशहर, 5 दिसंबर मीनाक्षी
हमारे प्राचीन आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी जड़ी-बूटी हैं जो हमारे शरीर को बेहतर बनाने में मददगार होती हैं। ये जड़ी-बूटियां हमारे शरीर को भीतर से स्वस्थ बनाती हैं जिससे हमारी बाहरी सुंदरता और स्वास्थ्य दोनों में वृद्धि होती है। ऐसी ही एक जड़ी-बूटी है रतनजोत भी है! जिसकी खरीदारी लवी मेले में लोग करते है! जानकारी देते हुए किन्नौर से आए व्यापारी ने बताया कि यह रत्न जोत जड़ी नुमा होती हैं! जो किन्नौर के जंगलों में पाई जाती है! उन्होंने बताया कि लवी मेला मैदान में 1 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से यह रत्न जोत बेची जा रही है! जिसे लोग लेने के लिए दुर दुर से पहुंचते है! उन्होंने बताया कि इस रत्न जोत को बढ़ी मुश्किल से एकत्रित किया जाता है! उनहोंने बताया लोग इसका उपयोग बालों को कलर करने, खाने में कलर लाने के लिए करते हैं!
वहीं जानकारी देते हुए डाक्टर संजीव पठानिया ने बताया
रतनजोत एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद हो सकता है!
रतनजोत का इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता हैं। इसमें एंटीबायोटिक, ड्यूरेटिक, मिनरल्स, विटामिन्स आदि की भरपूर मात्रा पाई जाती है।
रतनजोत को इंग्लिश में अल्कोनेट रूट कहा जाता है। इसका इस्तेमाल समुद्री किनारों पर रहने वाले वाले लोग स्किन एलर्जी, खुजली, मितली, उल्टी, इन्फ्लूएंजा जैसी कई बीमारियों के इलाज में करते हैं। रतनजोत की जड़ में एंटीबायोटिक, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और ड्यूरेटिक गुण पाए जाते हैं।
वहीं बता दे की
आज के दौर में बहुत से लोग दिल की बामरियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि हम सभी अपने दिल का बेहतर ख्याल रखें। रतनजोत दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत फायदेमंद होती है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए रतनजोत की जड़ को पानी में भिगोकर रखा जाता है और इसके बाद इस पानी को छानकर इसका सेवन किया जा सकता है।। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में सहायक होती है। इसके अलावा यह ब्लड को अब्जॉर्ब करने के लिए दिल के कार्यों को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
फोटो कैप्शन
रामपुर बुशहर : रतनजत की फोटो!